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अच्छी कहानी, अच्छी परफॉरमेंस , फिर भी कहानी मिस लगी कहानी २ की ( स्टार 3.5 )

फिल्म : कहानी 2
निर्देशक : सुजॉय घोष
निर्माता : पेन इंडिया लिमिटेड
कास्ट  : विद्या बालन, अर्जुन रामपाल 
स्टार    : 3.5
  फिल्म कहानी तो आप सब देख ही चुके होंगे, आपको बता दे  फिल्म कहानी से कहानी २ में कोई मेल नहीं हैं, इस बार भी सस्पेंस हैं, कहानी में कई ट्विस्ट और टर्न भी हैं, आइये करते हैं फिल्म कहानी २ की समीक्षा
 कहानी की कहानी पर रोशनी डालते विद्या सिन्हा (विद्या बालन) और उसकी बेटी मिनी की है जो एक छोटे से शहर से चंदनपुर में अपनी बेटी के साथ ख़ुशनुमा जीवन बिता रही है, विद्या की बेटी चल फिर नहीं सकती है, उसकी बेटी का इलाज हो जाए और वो एक बार फिर से चलने लगे. अपनी बेटी के इलाज के लिए विद्या उसे अमेरिका ले जाने की तैयारी करती है,पर उसी दिन  कुछ लोग मिनी को किडनैप करके ले जाते हैं तो उसकी तलाश करते हुए विद्या का एक्सीडेंट हो जाता है और विद्या कोमा में चली जाती हैं। इसकी जांच इंस्पेक्टर इंद्रजीत सिंह (अर्जुन रामपाल) करने लगते हैं, और जांच पड़ताल में पता चलता हैं की यह एक किडनेपर और खुनी दुर्गारानी सिंह ( विद्या बालन ) हैं, कहानी में कई मोड़ नज़र आते हैं और अंततः एक बड़ा सस्पेंस सामने आता है। क्या हैं कहानी २
निर्देशन की बात करते हैं सुजॉय घोष  की तारीफ करनी होंगी कमाल का डायरेक्शन किया है, इस फिल्म में सिनेमेटोग्राफर तपन बासु ने भी अच्छा साथ दिया सुजॉय का कारण फिल्म  निखर कर सामने आई.
स्क्रीनप्ले की बात करे इंटरवल तक आप सीट हिल नहीं सकते आपको बांध कर रखती, पर इंटरवल बाद कहानी की रफ़्तार कम होती नज़र आती हैं। 
कमजोर कड़ी की तो फिल्म का क्लामेक्स सुजॉय को क्लामेक्स पर ध्यान देना था, फिल्म कहानी का क्लामेक्स लाजवाब था पर इस बार  गए।  
बात करते अभिनय की तो विद्या बालन  साबित कर दिया की परफॉरमेंस किसे कहते हैं, अपने किरदार  साथ जस्टिस किया फिर माँ का किरदार हो या दुर्गा रानी सिंह का,  बेटी बनी मिनी नाएशा खन्ना ने भी अपने किरदार में जान फूख ने की अच्छी कोशिश की है. वही अर्जुन रामपाल ने भी सहज अभिनय  हैं. 
बात करते हैं संगीत की तो संगीत  और बैकग्राउंड क्लिंटन सेरेजो ने दिया है, जो बहुत ही खूबसूरत  है।
 
पुष्कर ओझा